How to find peace and motivational thoughts in hindi || By Lekhh
तुम्हे जब भी कभी लगता है कि तुम्हे सुकून नहीं मिल रहा है या सारे रास्ते बंद हो चुके है तो तुम्हारा सबसे पहला ख्याल क्या होगा?
मुझे अक्सर मेरे सवालों के जवाब नहीं मिलते और मेरे पास सवाल भी बहुत होते है ऐसा नहीं है कि सभी जवाब नहीं मिलते, मिलते तो है लेकिन वो जवाब नहीं मिलते जो मुझे सुकून की तरफ ले जाये।
जैसे जैसे हम अपनी जिंदगी मे आगे की तरफ बढ़ते है वैसे ही हम ये भी सोचते जाते है कि जो हम कर रहे है कि क्या वो हमारे लिए सही है या जो हम कर चुके है वो सही था।
मुझे ऐसा लगता है कि हमें हमारा फैसला कभी सही नही लगेगा या जो चीज हम पा लेंगे उसे पाने के बाद और पाने की चाह हमें कभी सुकून महसूस होने नही देगी।
जब सुकून ही नही मिल रहा तो एक दूसरे से आगे निकलना क्यों चाह रहे है? सवाल बहुत ज्यादा है और जवाब बहुत कम।अगर सुकून के पीछे भागना है तो इन जवाबो के पीछे भागना होगा।
खुद से ये सवाल करने होंगे और खुद ही जवाब ढूंढना होगा तो सुकून तुम्हे खुद ब खुद मिलने लगेगा।
सुकून तब मिलता है जब हम खुद को और दूसरों को माफ करना सीखें। जो मिला उसमें संतुष्ट होना सीखें। सुकून के लिए बहुत से सवालों के बहुत से जवाब ज़रूरी नहीं। सिर्फ़ एक सवाल और एक जवाब काफी हैं। सवाल ये कि तुम्हारे लिए क्या सबसे ज्यादा ज़रूरी हैं और कितना ज़रूरी हैं ? अगर लालच होगा तो सही जवाब नहीं मिलेगा। चाहे पैसा प्यार इज़्ज़त शोहरत कुछ भी हो। एक वक्त के बाद इंसान उससे या तो उकता जाता हैं या उसी में डूब जाता हैं। किसी ने क्या खूब लिखा है कि - फितूर होता हैं हर उम्र में जुदा, खिलौना माशूक रुतबा और खुदा। सुकून चाहिए तो बस एक बात मान लो कि कुछ नहीं चाहिए। जो दिया ऊपरवाले ने दिया, जो देगा ऊपरवाला देगा। सबकुछ इंसान के हाथ में नहीं। किसी को चाहा मेरी मर्ज़ी थी। वो नहीं मिला ऊपरवाले की मर्ज़ी। और उसकी मर्ज़ी मुझसे बेहतर है। बस ये जान लो और आगे बढ़ते जाओ। आप देखोगे हर अच्छे बुरे वक्त में तुम्हे सुकून होगा।
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Nice👍
ReplyDeleteसुकून तब मिलता है जब हम खुद को और दूसरों को माफ करना सीखें। जो मिला उसमें संतुष्ट होना सीखें। सुकून के लिए बहुत से सवालों के बहुत से जवाब ज़रूरी नहीं। सिर्फ़ एक सवाल और एक जवाब काफी हैं। सवाल ये कि तुम्हारे लिए क्या सबसे ज्यादा ज़रूरी हैं और कितना ज़रूरी हैं ?
ReplyDeleteअगर लालच होगा तो सही जवाब नहीं मिलेगा। चाहे पैसा प्यार इज़्ज़त शोहरत कुछ भी हो। एक वक्त के बाद इंसान उससे या तो उकता जाता हैं या उसी में डूब जाता हैं। किसी ने क्या खूब लिखा है कि -
फितूर होता हैं हर उम्र में जुदा,
खिलौना माशूक रुतबा और खुदा।
सुकून चाहिए तो बस एक बात मान लो कि कुछ नहीं चाहिए।
जो दिया ऊपरवाले ने दिया, जो देगा ऊपरवाला देगा। सबकुछ इंसान के हाथ में नहीं।
किसी को चाहा मेरी मर्ज़ी थी। वो नहीं मिला ऊपरवाले की मर्ज़ी। और उसकी मर्ज़ी मुझसे बेहतर है। बस ये जान लो और आगे बढ़ते जाओ। आप देखोगे हर अच्छे बुरे वक्त में तुम्हे सुकून होगा।