मेरे मन की बात आपके मन तक
कभी कभी हम जो सोचते हैं वो मिलता नहीं और जो सोचा नहीं होता वो ऐसे हमारे नसीब में आता है। जेसे हमारे दुनिया में आने से पहले ही हमारी तक़दीर में लिख गया हो, कभी हम समझते नहीं और कभी हमे सबकुछ जानते हुए भी नासमझ बनना अच्छा लगता हैं।
मैंने सोचा अगर मैं अपने मन की करूं तो क्या पता मुझे वो खुशी मिल जाए जिसे मैं चाहती हूँ। पर हाँ कभी-कभी मन के फैसले भी गलत हो जाते हैं
लेकिन मेंने ये जाना कि जब हम फ़ैसले लेते हैं तो हमे पता होता है कि शायद ये फैसला आगे चलकर गलत होने वाला है। लेकीन हम तब भी वही फैसला लेते हैं लेकिन मैंने सुना है कि मन के फैसले कभी कभी बहुत ख़ुशी देते है।
अगर जो सोचा होगा वो सब मिल जाये तो जिंदगी बहुत आसान हो जायगी और जिंदगी आसान हो गयी तो हम इंसान ऐसे हैं कि हमसे आसान जिंदगी भी जी नहीं जायगी। यही तो नियम है ज़िंदगी का, जो हमे आसानी से मिल जाये उसकी कदर भुला देते हैं।
अगर मन में आयी बात को आप पूरा कर लें तो, ऐसा महसूस होता हैं जेसे हमने अपनी जिंदगी की बहुत बड़ी ख़्वाहिश पूरी कर ली हो और जब तक वो पूरी नहीं होती ना हम जब तक ही उसकी चाह में होते हैं,कि बस वो एक बार हमे मिल जाए। पूरी शिद्दत लगा देते हैं उसे पाने में,आपने भी महसूस किया होगा ये।
जिंदगी का तजुर्बा हमे बहुत कुछ सिखाता हैं और हमे सीखना भी चाहिए जिससे हमे आगे बढ़ने में पहले वालीं मुश्किलें ना आए और यही जिंदगी की सीख है सीखो और आगे बढ़ो।
मुझे मेरे जीवन में ऐसे लोग मिले जिनसे मैं बिल्कुल अलग हुँ लेकिन नए लोगों को जानना और कुछ सीखते हुए आगे बढ़ना यही मैंने सीखा है और सीखते हूए आगे बढ़ना यही तो एक सीख हैं।
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